लॉकडाउन(Lockdown) के दौरान हर किसी को किसी न किसी मुश्किल का सामना करना पढ़ रहा हैं ऐसे में राजस्थान(rajasthan) के सीकर ज़िले के लोसल कस्बे से झकझोर देने वाली यह तस्वीर सामने आ रही हैं। रेहड़ी पर 90 साल की महिला बैठी है। रेहड़ी को खींच रहा 60 वर्षीय व्यक्ति उसका बेटा है। दोनों लॉकडाउन में बेबस हैं। परेशान हैं, क्योंकि घर में राशन खत्म हो गया।
लॉकडाउन
जानकारी के मुताबिक आपको बता दे कि लोसल कस्बे के छीतर का परिवार इन दिनों लॉकडाउन के चलते परेशान है। घर पर जमा पूंजी और राशन खत्म हो चुका है। रोजगार मिल नहीं रहा। ऐसे में छीतर के परिवार के पास सिर्फ 90 वर्षीय मां हीरा देवी को मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन ही सहारा बचा था।
हीरा देवी की पेंशन उसके लोसल स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा खाते में जमा तो थी, मगर हीरा देवी की उम्र अधिक हो जाने के कारण वह बैंक तक जाने में असमर्थ थी। ऐसे में छीतर ने अपनी मां को एक पहिया रेहड़ी पर बैठाकर बैंक ले गया और उसके खाते से पेंशन से रुपए निकलवाए।
छितर ने बताया कि प्रशासन की ओर से उसके परिवार तक कोई राशन या राहत सामग्री नहीं पहुंचाई गई है। किसी भामाशाह की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली। कभी कभार कुछ लोग सब्जी- पूड़ी के पैकेटे दे जाते हैं, लेकिन वह भी रोज नहीं मिलने से दोनों समय की भूख मिटाना दूभर हो रहा है।
आप सभी से 7cnews की ये दरख्वास्त हैं कि कही भी कोई भी ऐसा व्यक्ति मिले जो अहसाया दिखे तो आप उसकी किसी भी तरह से मदद कर सकते हैं इस मुश्किल घड़ी में हम सबको मिलकर रहना हैं और कोरोना जैसे महामारी को हराना हैं
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