अयोध्या (Ayodhya) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से दिए गए ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को राष्ट्र के नाम संदेश दिया। पीएम ने यह संदेश अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे अहम मामले में फैसला सुनाया है जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का इतिहास है। पूरे देश कि ये इच्छा थी कि इस मामले की कोर्ट में हर रोज़ सुनवाई हो। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से दशकों तक चली न्याय प्रक्रिया का समापन हुआ है।
उन्होंने कहा कि नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की समाप्ति करते हुए ईद-ए-मिलादुन नबी की बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे लिए एक नया सवेरा लेकर आया है। इस विवाद का भले ही कई पीढ़ियों पर असर पड़ा हो, लेकिन इस फैसले के बाद हमें ये संकल्प करना होगा कि अब नई पीढ़ी, नए सिरे से न्यू इंडिया के निर्माण में जुटेगी।”
उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर और बर्लिन की दीवार का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा, ”आज 9 नवंबर है। आज ही के दिन बर्लिन की दीवार गिरी थी। आज का फैसला हमें साथ मिलकर आगे बढ़ने का संदेश देता है।”
पीएम मोदी ने कहा, ”आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही, 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख देता है। आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है।” उन्होंने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है। और इसलिए, देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का ये दिन एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है। इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना, बहुत धैर्य से सुना और सर्वसम्मति से फैसला दिया।” मोदी ने कहा, ”फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग ने, हर समुदाय ने, हर पंथ के लोगों ने, पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है।”
उन्होंने कहा, ”आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का एक इतिहास है। पूरे देश की ये इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में हर रोज़ सुनवाई हो, जो हुई, और आज निर्णय आ चुका है।” पीएम मोदी ने कहा कि अब समाज के नाते, हर भारतीय को अपने कर्तव्य, अपने दायित्व को प्राथमिकता देते हुए काम करना है। हमारे बीच का सौहार्द, हमारी एकता, हमारी शांति, देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बोले ओवैसी- नहीं चाहिए ज़मीन
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की ओर से दिए गए ऐतिहासिक फैसले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) सहमत नहीं दिखाई दिए। ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) की तरह ही हम भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं। जिन्होंने बाबरी मस्जिद को गिराया, उन्हें ही ट्रस्ट बनाकर राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी गई।
Asaduddin Owaisi: Not satisfied with the verdict. Supreme Court is indeed supreme but not infallible. We have full faith in the constitution, we were fighting for our right, we don't need 5 acre land as donation. We should reject this 5 acre land offer, don't patronize us. pic.twitter.com/wKXYx6Mo5Q
— ANI (@ANI) November 9, 2019
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमें हिंदुस्तान के संविधान पर पूरा भरोसा है। हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे थे। हमें 5 एकड़ जमीन की खैरात की कोई जरूरत नहीं है। मुस्लिम गरीब हैं लेकिन मस्जिद बनाने के लिए हम पैसा इकट्ठा कर सकते हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमें 5 एकड़ के ऑफर को खारिज कर देना चाहिए। ओवैसी ने कहा, ”कांग्रेस ने अपना असली रंग दिखा दिया है। कांग्रेस पार्टी के धोखेबाजों और पाखंडियों के लिए तो 1949 में मूर्तियां नहीं रखी गई होंगी। अगर राजीव गांधी द्वारा ताले नहीं खोले जाते, तो मस्जिद अब भी होती। नरसिम्हा राव ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया होता जो अब भी मस्जिद होती।”
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