पंजाब(punjab) के मुख्यमंत्री(CM) पद से इस्तीफा देने के बाद से भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर कैप्टन अमरिंदर सिंह(Captain Amrinder) ने विराम लगा दिया है। कैप्टन ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल नहीं होने जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं लेकिन कांग्रेस जल्द ही छोड़ूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे और अधिक अपमान सहन नहीं हो रहा है। साक्षात्कार के दौरान कैप्टन ने बेहिचक यह भी कहा कि पंजाब में कांग्रेस का पतन हो रहा है और नवजोत सिंह सिद्धू बचकाना हरकत कर रहा है। अगर सिद्धू का रवैया इसी तरह से रहा तो वह दिन दूर नहीं जब कांग्रेस पंजाब से खत्म हो जाएगी।
अगर भरोसा नहीं है, तो पार्टी में रहने का क्या मतलब: अमरिंदर सिंह
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैं 52 साल से राजनीति में हूं। जिस तरह से मेरे साथ व्यवहार किया गया है। सुबह 10.30 बजे कांग्रेस अध्यक्ष कहते हैं कि आप इस्तीफा दें। मैंने कोई सवाल नहीं पूछा। शाम 4 बजे मैं राज्यपाल के पास गया और इस्तीफा दे दिया। अगर पार्टी हाईकमान को 50 साल बाद भी मुझपर भरोसा नहीं है, तो मेरे पार्टी में रहने का क्या मतलब है? अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैंने सोनिया गांधी से कहा था कि उन्हें पार्टी में तीन बार अपमानित किया गया है।
जहां विश्वास नहीं है वहां कोई कैसे रह सकता है: अमरिंदर सिंह
अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैंने कांग्रेस के सामने अपना रुख बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि मेरे साथ इस तरह का व्यवहार मुझे बर्दाश्त नहीं है। मैं इतना होने के बावजूद आपके साथ खड़ा नहीं रहूंगा। मैंने अभी तक कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन जहां विश्वास नहीं है वहां कोई कैसे रह सकता है।
सिद्धू एक अपरिपक्व व्यक्ति: अमरिंदर सिंह
सिद्धू एक अपरिपक्व व्यक्ति हैं। मैंने बार-बार यह कहा है कि वह एक स्थिर व्यक्ति नहीं है। वह एक टीम खिलाड़ी नहीं है। वह अकेला है। वह पंजाब कांग्रेस को कैसे संभालेगा? इसके लिए आपको एक टीम के खिलाड़ी के रूप में होना चाहिए, जो सिद्धू नहीं है।
सिद्धू कपिल शर्मा के शो के लिए ही फिट थे: अमरिंदर सिंह
उन्होंने सिद्धू को ‘बचकाना’ बताते हुए उन्होंने कहा कि सिद्धू सीन क्रिएट करने में अच्छे हैं। वह कपिल शर्मा के शो में जो किया वह कर सकते हैं और भीड़ जुटा सकते हैं, लेकिन वह एक गंभीर आदमी नहीं है। एक गैर-गंभीर व्यक्ति कैसे हो सकता है’ पार्टी और राज्य सरकार के संचालन में गंभीर, बड़े फैसले ले रहे हों। वह केवल नाटक कर सकते हैं।”