हेलिकॉप्टर क्रैश में CDS बिपिन रावत (Bipin rawat) का निधन हो गया है. जो हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है, उसमें 14 लोग सवार थे. सीडीएस रावत की पत्नी मधुलिका रावत भी हेलिकॉप्टर में सवार थीं. घटना पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत तमाम नेताओं ने भी दुःख जताया है. आपको बता दें कि ये दर्दनाक हादसा तमिलनाडु के कुन्नूर के पास बुधवार दोपहर को हुआ था.
दुखद हादसे पर रक्षा मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘तमिलनाडु में आज एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सशस्त्र बलों के जवानों के आकस्मिक निधन से गहरा दुख हुआ. उनका असामयिक निधन हमारे सशस्त्र बलों और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है.’
जनरल बिपिन रावत (PVSM, UYSM, AVSM, YSM, SM, VSM, ADC) भारत के पहले और वर्तमान रक्षा प्रमुख या चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) थे। उन्होंने ने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया था। इससे पहले वह भारतीय थलसेना के प्रमुख थे। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक थल सेनाध्यक्ष के पद पर रहे।
इनका जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में चौहान राजपूत परिवार मे हुआ । इनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत, जो सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी।
रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी , देहरादून से शिक्षा ली , जहां उन्हें ‘सोर्ड ऑफ़ ऑनर ‘ दिया गया। वह फोर्ट लीवनवर्थ , यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज , वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल , प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है। 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय , मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया।
सीडीएस (CDN) की संयुक्त भूमिका:
- तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्य देखना।
- तीनों सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों, संगठनों तथा साइबर और स्पेस कमान का संचालन करना।
- रक्षा खरीद और रक्षा प्लानिंग की बैठकों में सदस्य के तौर पर हिस्सेदारी।
- सीडीएस का तीन साल का रोडमैप
- लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, ट्रेनिंग, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्मत एवं रखरखाव में ज्वाइंटनेस का कार्य देखना।
- सैन्य ढांचे का भरपूर उपयोग सुनिश्चित करना।
- पंचवर्षीय खरीद योजना बनाना।
- दो साल का रोल ऑन प्लान बनाना।