Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सरगुजा (Surguja) जिले में एक पिता का अपनी बेटी के शव को कंधे पर ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया (viral video) पर काफी वायरल हो रहा है. वहीं इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ( T.S Singh Deo) ने जांच के आदेश दे दिए हैं. बताया जा रहा है कि पिता अपनी मृत बेटी के शव को कंधे पर लेकर 10 किमीटर पैदल चला था.
गाड़ी के पहुंचने से पहले ही पिता अपनी बेटी का शव ले जा चुके थे- अधिकारी
वहीं अधिकारियों के अनुसार जिले के लखनपुर गांव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Lakhanpur Community Health Centre) में शुक्रवार की सुबह बच्ची की मौत हो गई थी और गाड़ी के पहुंचने से पहले ही उसके पिता बच्ची का शव को ले गए.
मृतका कई दिनों से बुखार से पीड़ित थी- डॉक्टर
अधिकारियों ने बताया कि अमदला गांव के ईश्वर दास अपनी बीमार बेटी सुरेखा को सुबह लखनपुर सीएचसी लाए थे. वहीं ग्रामीण चिकित्सा सहायक (आरएमए) स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉ विनोद भार्गव ने कहा, “लड़की का ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम, लगभग 60 था. उसके माता-पिता के अनुसार लड़की को पिछले कुछ दिनों से तेज बुखार आ रहा था. सीएचसी लाए जाने पर उसका आवश्यक उपचार शुरू किया गया था, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गई और सुबह करीब साढ़े सात बजे उसकी मौत हो गई.” उन्होंने कहा, “हमने परिवार के सदस्यों से कहा कि गाड़ी सुबह 9:20 तक आ जाएगी लेकिन तब तक वे शव को ले जा चुके थे.” वीडियो में शख्स को कंधे पर शव ले जाते हुए देखा जा सकता है.
वीडियो वायरल होने पर स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश
वहीं शुक्रवार को बच्ची के शव को कंधे पर ले जाते हुए पिता की वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गई. जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से मामले की जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने के आदेश दिए.स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, “सीएमएचओ को घटना की जांच करने का आदेश दिया है, और लापरवाही के मामले में बीएमओ को बदला जाना चाहिए … लखनपुर गांव के संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी को पिता को शव को इस तरह ले जाने देने के बजाय गाड़ी का इंतजार करने के लिए समझाना चाहिए था.”
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “मैंने वीडियो देखा, यह परेशान करने वाला था. मैंने सीएमएचओ से कहा है कि मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई करें. मैंने उनसे कहा है कि जो वहां तैनात हैं लेकिन अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें हटा दिया जाना चाहिए.”