(Corona virus) को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन (Lockdown) लागू है। इसके तहत लोगों को सिर्फ इमरजेंसी सर्विसेस और बहुत जरूरी चीजें लेने के लिए घर से बाहर निकलने की अनुमति है। सरकार ने एक जगह पर ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी है।
इसी बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहत पैकेज (Relief package) का ऐलान किया था, लेकिन जिस तरह हर राहत पैकेज के लगभग हर योजना को अगले तीन महीने के लिए तैयार किया गया उससे इस बात की संभावनाओं को बल मिलने लगा है कि क्या इस लॉकडाउन (Lockdown) का संकट 21 दिनों से बड़ा होने वाला है। लेकिन केंद्र ने ऐसी सभी खबरों को बेबुनियाद बताया।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने बयान जारी कर ये साफ़ कर दिया है कि लॉकडाउन और कोरोना (Corona) के चलते अगर 14 अप्रैल तक संक्रमण के नए मामलों में कमी नहीं हई तो फिर सरकार खांसी, जुकाम के मरीजों की भी CORONA जांच प्रारंभ करवाएगी।
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गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में करीब 17 हजार टेस्ट हुए हैं। केंद्र सरकार ने टेस्ट की क्षमता बढ़ाने के लिए 10 लाख अतिरिक्त किट आदि के लिए आर्डर जारी कर दिए हैं। सूत्रों कि माने तो मौजूदा समय में दो लाख किट सरकार के पास पहले से हैं। पिछले कुछ दिनों के दौरान कुछ मामले स्थानीय संक्रमण के भी आए हैं।
मोदी सरकार की योजना है कि है कि देश भर के सभी अस्पताल में खांसी, जुकाम के जो भी मरीज आएं, उनकी जांच शुरू की जाए ताकि कोई भी संक्रमित उपचार से छूटने नहीं पाए। यूरोप के देशों में प्रति सप्ताह एक से डेढ़ लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। राज्य सरकारों को भी जांच किट की पर्याप्त व्यवस्था करने के आदेश दे दिए गए हैं।
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