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Ranjit Singh Murder Case: राम रहीम समेत पांच दोषियों की सजा पर हुआ फैसला, इस दिन होगा सजा का एलान

Ranjit Singh Murder Case: रंजीत सिंह हत्याकांड के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य किशन लाल, जसबीर सिंह, अवतार सिंह और सबदिल को हत्या का दोषी ठहराया था.

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) के समर्थक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया है. सुनवाई के दौरान मामले की अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट (Court) ने अपना फैसला सुरक्षित (Judgment Reserved) करते हुए, सजा के ऐलान के लिए अगली तारीख दे दी. अब मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी और इसी दिन कोर्ट सजा का ऐलान करेगा.

राम रहीम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई पेशी 

डेरामुखी राम रहीम की रोहतक की सुनारिया जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीबीआई की विशेष अदालत में पेशी हुई। वहीं, दोषी कृष्ण कुमार, अवतार, जसवीर और सबदिल को सीबीआई कोर्ट के सामने पेश किया गया। पेशी के दौरान राम रहीम पहले से काफी कमजोर दिखा। हालांकि चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। राम रहीम ने सिर पर सफेद टोपी पहन रखी थी और दाढ़ी काली थी। कुछ दिन पहले ही राम रहीम ने रोहतक की सुनारिया जेल में मानवाधिकार आयोग से अपनी दाढ़ी काली कराने की अपील की थी। 

इन धाराओं में है दोषी Ram Rahim

रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में आठ अक्तूबर को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के तहत दोषी करार दिया है। वहीं, अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया था। 

ऐसे दिया था Ranjit Singh हत्‍याकांड को अंजाम

10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे रणजीत सिंह की उस समय हत्या हुई थी, जब वह अपने घर से कुछ ही दूरी पर जीटी रोड के साथ लगते अपने खेतों में नौकरों को चाय पिलाकर वापस घर जा रहे थे. हत्यारों ने अपनी गाड़ी जीटी रोड पर खड़ी रखी और वे धीरे से खेत से आ रहे रणजीत सिंह के पास पहुंचे और काफी नजदीक से उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था. गोलियां मारने के बाद हत्यारे फरार हो गए थे. हत्यारों में पंजाब पुलिस का कमांडो सबदिल सिंह, अवतार सिंह, इंद्रसेन और कृष्णलाल आरोपी थे. यह भी मालूम हुआ था कि रणजीत सिंह की हत्या करने के बाद हत्यारों ने इस्तेमाल किए गए हथियार डेरे में जाकर जमा करवा दिए ‌थे. रणजीत सिंह डेरा की उच्च स्तरीय प्रबंधन समिति का सदस्य था. वह डेरामुखी के काफी करीब माना जाता था.

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