FEATUREDNewsबड़ी खबरराजनीति

क्या Kejriwal सरकार सरकारी स्कूलों के जरिए मांग रही वोट? BJP का बड़ा आरोप

नई दिल्ली: क्या दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली के सरकारी स्कूलों के जरिए अपना चुनाव प्रचार कर रही है और वोट मांग रही है? यह आरोप दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता लगा रहे हैं.

विजेंद्र गुप्ता का आरोप है कि एसएमसी यानी विद्यालय प्रबंध समिति दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता पिता और अभिभावकों की मीटिंग बुलाकर बताएगी कि ‘अगर 2020 में दोबारा अरविंद केजरीवाल की सरकार नहीं बनी तो शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे काम रुक जाएंगे इसलिए भले ही लोकसभा चुनाव में लोगों से गलती हो गई और उन्होंने आम आदमी पार्टी को वोट नहीं दिया लेकिन आने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को वोट दें और दूसरे लोगों से भी आम आदमी पार्टी को वोट देने के लिए कहें.’

यह भी पढ़े: राबड़ी देवी ने Nitish सरकार पर साधा निशाना, कहा- अस्पताल में दवा की जगह कफ़न रखे है

विजेंद्र गुप्ता ने ट्वीट कर कहा ‘दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रांगण मे सरकारी ख़र्च से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता अभिभावको को ज़बरन बुलाकर आने वाले विधानसभा चुनावों मे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को वोट देने का पाठ पढ़ाएंगे. भाजपा विधायक उप राज्यपाल से मिलकर हस्तक्षेप की माँग करेंगे.’

बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने अपने आरोप के समर्थन में एक दस्तावेज डाला है. दावा है कि ये दस्तावेज एसएमसी को भेजा गया है जिसमें दिशानिर्देश दिए गए हैं कि किस तरह से एसएमसी अभिभावकों के साथ मीटिंग करे. इस दस्तावेज में यह भी लिखा गया है इस बैठक की कोई वीडियो रिकॉर्डिंग न हो यह भी सुनिश्चित किया जाए.

क्या है SMC?
एसएमसी यानी विद्यालय प्रबंध समिति. शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सरकारी स्कूल में एक विद्यालय प्रबंध समिति बनाई जाती है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने विद्यालय प्रबंध समिति के लिए सालाना फंड 5 लाख से 7 लाख रुपये के बीच तय किया है.

यह भी पढ़े: Loksabha Election में हारी कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में भी लगा झटका!

समिति का काम
1. इलाके के लोगों और स्कूल के बीच में बेहतर तालमेल बनाए रखना. सुनिश्चित करना कि विद्यालय को जो अनुदान मिला उसका सही उपयोग हो.
2. स्कूल में हो रहे सभी कामों पर नजर रखें और कैसे स्कूल का और विकास किया जा सकता है इसके बारे में सिफारिश दे.
3. विद्यार्थियों के अभिभावकों की नियमित बैठक बुलाकर उन्हें विद्यार्थियों की उपस्थिति और उनके बारे में अन्य जानकारी दे.
4. विद्यालय के आसपास रहने वाले सभी बच्चों के नाम स्कूल में दर्ज हों और वह स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित रहते हों.
5. विद्यालय के आसपास की आबादी को शिक्षा के अधिकार कानून तथा सरकार स्कूल और स्थानीय प्राधिकरण की जिम्मेदारी की जानकारी देना

कौन-कौन होता इस विद्यालय प्रबंध समिति (SMC) में?
विद्यालय प्रबंध समिति में कुल 16 सदस्य होते हैं. एक सदस्य विद्यालय के प्रिंसिपल होते हैं जो कि इस समिति के अध्यक्ष होते हैं. 12 सदस्य विद्यार्थियों के अभिभावकों में से चुने जाते हैं. एक सदस्य स्कूल के टीचर, एक स्थानीय विधायक और एक शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता. इसके साथ ही स्कूल के तीन और टीचर विशेष आमंत्रित सदस्य होते हैं. समिति में 8 मूल सदस्य यानी 50 फ़ीसदी महिलाओं का होना अनिवार्य है. हालांकि यह सब तकनीकी बातें हैं जबकि सीधी बात है कि SMC में आम आदमी पार्टी या उसके समर्थक अच्छी संख्या में होते हैं.

ब्रेकिंग न्‍यूज, अपडेट, एनालिसिस, ब्‍लॉग के लिए फेसबुक पेज लाइक, ट्विटर हैंडल फॉलो करें और गूगल प्लस पर जुड़ें

पूरी ख़बर पढ़े

Leave a Reply

Back to top button