चुनाव आयोग ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा सुप्रीमो मायावत द्वारा चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के लिए चुनाव प्रचार पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है।
चुनाव आयोग के फैसले से साफ है कि योगी आदित्यनाथ 16, 17 और 18 अप्रैल को कोई प्रचार नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा मायावती 16 और 17 अप्रैल को कोई चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगी.
इस दौरान योगी आदित्यनाथ और मायावती ना ही कोई रैली को संबोधित कर पाएंगे, ना ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पाएंगे और ना ही किसी को इंटरव्यू दे पाएंगे. चुनाव आयोग का एक्शन 16 अप्रैल सुबह 6 बजे शुरू होगा.
आपको बता दें कि सोमवार सुबह ही सुप्रीम कोर्ट ने मायावती के देवबंद रैली में दिए गए भाषण पर आपत्ति जताई थी. अदालत की तरफ से चुनाव आयोग को फटकार लगाई गई थी कि आयोग ने अभी तक इस मामले में क्या कार्रवाई की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आयोग अभी तक सिर्फ नोटिस ही जारी कर रहा है, कोई सख्त एक्शन क्यों नहीं ले रहा है
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चुनाव प्रचार के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए कथित बयानों और भाषणों को ध्यान में रखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग से उनके खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी।
बता दें कि मायावती ने पहले चरण के चुनाव से सहारनपुर में एक रैली के दौरान 7 अप्रैल को मुस्लमानों के मतदान को लेकर सांप्रदायिक बयान दिया था. ठीक इसी तरह योगी आदित्यनाथ ने भी 9 अप्रैल को अपनी सभा के दौरान सांप्रदायिक बयान दिया. दोनों नेताओं के बयानों की शिकायत चुनाव आयोग से की गई थी.
चुनाव आयोग ने उन्हीं शिकायतों पर एक्शन लेते हुए मायावती और योगी आदित्यनाथ को नोटिस दिया था. नोटिस का जवाब मिलने के बाद चुनाव आयोग ने दोनों नेताओं को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाते हुए ये बैन लगाया है
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