कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन हो गया है। शीला दीक्षित दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष भी थीं और काफी लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं। तीन बार शीला दीक्षित की बाईपास सर्जरी हुईं थी और आज सुबह उल्टी की शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली के एस्कार्ट्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शीला दीक्षित का अचानक निधन कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
कौन थी शीला दीक्षित
- 11 अप्रैल 2014 से 25 अगस्त 2014 तक केरल की राज्यपाल थी।
- दिल्ली की 15 साल सीएम रही।
- 15 साल तक सीएम रहने वाली वाली पहली महिला सीएम
- 10 जनवरी, 2019 शीला दीक्षित को बनाया गया था दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष
- 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश की कनौज लोकसभा सीट से सांसद थी।
- 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सीएम प्रत्याशी बनाया था।
- यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का काफी करीबी माना जाता था।
- 1986 से 1989 तक केंद्र में मंत्री थी।
- केंद्र में संसदीय कार्य राज्य मंत्री थी।
लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित 1998 से लेकर 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। 81 साल की शीला दीक्षित को कांग्रेस का कद्दावर नेता माना जाता था। उत्तर प्रदेश में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने उन्हें अपना मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया था हालांकि चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था।
पीएम मोदी ने शीला के निधन पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन पर ट्वीट करते हुए लिखा- “शीला जी के निधन से काफी दुख हुआ। उन्होंने दिल्ली के विकास में काफी अहम योगदान दिया था। उनके परिवार और समर्थकों को सांत्वना।”
केजरीवाल ने कहा- दिल को दहलाने वाली खबर
शीला दीक्षित के निधन को दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक बड़ा नुकसान बताया है। केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा- शीला दीक्षित के निधन की खबर अत्यंत दिल को दहलाने वाली खबर है। यह दिल्ली की एक बड़ी क्षति है और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा। मेरी दिल से उनके परिवार के सदस्यों के प्रति सांत्वना है।
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