फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Facebook CEO Mark Zuckerberg) ने गुरुवार को कंपनी के कनेक्ट इवेंट में घोषणा की कि कंपनी का नया नाम अब से मेटा (Meta) होगा. उन्होंने कहा, “हम एक ऐसी कंपनी हैं जो लोगों को जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी बनाती है.” रिपोर्ट्स के मुताबिक सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने कहा कि वह ‘मेटावर्स’ के लिए अपने विजन को बढ़ाने के लिए 10 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च करेगा.
फेसबुक अपनी वर्चुअल दुनिया मेटावर्स के लिए इस साल 10 बिलियन डॉलर इन्वेस्ट करने वाला है. यह फेसबुक का वर्चुअल और ऑगमेंट रियल्टी (VR/AR) जैसी तकनीकों का उपयोग करके एक नए वर्चुअल एक्सपीरिएंस का नया चरण होगा. कंपनी अपने फेसबुक रियल्टी लैब्स पर अरबों डॉलर खर्च करेगी, जिसे इस मेटावर्स डिवीजन ने AR और VR हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और कंटेंट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है.
जुकरबर्ग ने एक वार्षिक डेवलपर्स सम्मेलन के दौरान कहा, ‘हमने सामाजिक मुद्दों से संघर्ष करके और बंद प्लेटफार्मों के नीचे रहकर बहुत कुछ सीखा है, और हमने जो कुछ भी सीखा है उसे लागू करने और उसकी मदद से अगले अध्याय को बनाने का समय आ गया है।’ उन्होंने आगे कहा कि “हमारे एप्स और उनके ब्रांड, वे नहीं बदल रहे हैं।”
यानी यह परिवर्तन फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे व्यक्तिगत प्लेटफॉर्म पर लागू नहीं होता है, केवल मूल कंपनी का नाम बदलकर ‘मेटा’ किया गया है, जिसके अंतर्गत ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स आते हैं।
मार्क जुकरबर्ग लंबे समय से अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की दोबारा ब्रान्डिंग करना चाह रहे थे। वे इसे एकदम अलग पहचान देना चाहते हैं, एक ऐसी पहचान जहां फेसबुक को सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के तौर पर ना देखा जाए। अब उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए फेसबुक का नाम बदलकर ‘मेटा’ किया गया है।
कंपनी का फोकस अब एक मेटावर्स बनाने पर है जिसके जरिए एक ऐसी वर्चुअल दुनिया का आगाज होगा जहां पर ट्रांसफर और कम्यूनिकेशन के लिए अलग-अलग टूल का इस्तेमाल किया जा सकेगा।