Gyanvapi Masjid Survey: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) में जारी 14 मई से जारी सर्वे का काम मंगलवार को खत्म हो गया. अब 17 मई यानी बुधवार को कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट पेश की जाएगी. वहीं सर्वे का काम खत्म होने के बाद पक्ष हर कई तरह के बड़े ने दावे कर रहा हैं. जिसमें हिंदू पक्ष के अनुसार दावा किया गया है कि नन्दी के मुख के सामने मस्जिद के वजू (Wazu) खाने से 12 फीट 8 इंच व्यास का शिवलिंग (Shivling) मिला है.
अब शिवलिंग मिलने दावे को लेकर हिंदू पक्ष कोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट ने आदेश दिया कि जिस जगह पर शिवलिंग मिला है उस जगह को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया जाए. साथ ही उस जगह पर किसी के भी आने जाने पर रोक लगा दी जाये. वहीं हिंदू पक्ष इस बात की तैयारी में है कि वज्जू खाने को तब तक संरक्षित रखा जाए, जब तक कि अदालत में रिपोर्ट न जमा हो जाए.
कोर्ट ने अधिकरियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी तय कर दी है. अपने आदेश में वाराणसी कोर्ट ने कहा, ‘जिला अधिकारी, पुलिस कमिश्नर और सीआरपीएफ (CRPF) कमांडेंट को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान को सील किया गया है, उस स्थान को संरक्षित और सुरक्षित रखने की पूर्णत: व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी.’
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे हुआ पूरा
इस बीच वाराणसी (Varanasi) में सोमवार को तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य संपन्न हो गया. वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने सोमवार को इस बारे में जारी देते हुए संवाददताओं से कहा, ‘सोमवार को दो घंटे 15 मिनट से अधिक समय तक सर्वे करने के बाद अदालत द्वारा गठित आयोग (कोर्ट कमीशन) ने सुबह करीब 10.15 बजे अपना काम समाप्त कर दिया. सर्वे कार्य से सभी पक्ष संतुष्ट थे.’
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है। स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है
मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग के दावे को नकारा
इधर, मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग मिलने के दावे को पूरी तरह से निकाल दिया है. उन्होंने कहा कि इन लोगों के कहने से फैसला नहीं होगा. ऐसा कुछ भी नहीं मिला है. मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज़ अहमद ने कहा कि सर्वे का काम पूरा हो गया है. अब रिपोर्ट पेश की जाएगी. इसके बाद जिसको ऑब्जेशक्शन करना होगा वे अदालत में किया जाएगा.
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद की शुरुआत:
ये विवाद हाल का नहीं है, पहले भी उठता आया है. सबसे पहले 1936 में वाराणसी ज़िला अदालत में याचिका दायर की गई थी. 1937 में कोर्ट ने विवादित स्थल पर नमाज़ पढ़ने की अनुमति दी थी. 1991 में स्वयंभू विश्वेश्वर नाथ मंदिर की तरफ़ मामला दर्ज़ हुआ था जिसमें मंदिर की जगह पर मस्जिद बनी होने का दावा किया गया था.