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हिंदी दिवस 2022: जानिए इतिहास, महत्व और इसे क्यों मनाया जाता है

हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदी (Hindi) भाषा के महत्व को दर्शाता है और युवा पीढ़ी को हिंदी भाषा को अधिक से अधिक अपनाने के लिए प्रेरित करता है। दुनिया भर में 420 मिलियन से अधिक लोग पहली भाषा के रूप में हिंदी बोलते हैं और लगभग 120 मिलियन लोग इसे दूसरी भाषा के रूप में बोलते हैं।

हिंदी दिवस 2022: इतिहास

भारत की संविधान सभा ने 1949 में, हिंदी को मान्यता दी थी और देवनागरी लिपि में लिखी गई एक इंडो-आर्यन भाषा को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। यह भारत गणराज्य की 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक है।

1949 के बाद, भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया।

हिंदी दिवस 2022: महत्व

यह दिन हिंदी भाषा के सम्मान का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है और हिंदी साहित्य को मनाने के लिए इस दिन देश भर में कई सांस्कृतिक उत्सव मनाए जाते हैं। राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार जैसे पुरस्कार हिंदी दिवस पर मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, राष्ट्रीयकृत बैंकों और नागरिकों को हिंदी भाषा में उनके योगदान के लिए दिए जाते हैं।

हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू), विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, राष्ट्रीयकृत बैंकों और नागरिकों को राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।

विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस में अंतर

विश्व हिंदी दिवस दुनिया भर में 10 जनवरी को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर हिंदी का प्रचार प्रसार करना है. वहीं इसके कुछ महीने बाद ही राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रीय हिंदी दिवस उस दिन मनाया जाता है, जिस दिन संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा घोषित किया था. विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर हिंदी को बढ़ावा देना है.

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