तालिबान (Taliban) ने पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा कर कोहराम मचा दिया है। तालिबान ने कुछ ही दिनों में पूरे देश पर कब्जा कर पश्चिम समर्थित अफगान सरकार को घुटने टेकने को मजबूर कर दिया। ऐसे में राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) समेत लाखों लोग अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ कर भाग रहे हैं तो वहीं एक काबुल (Kabul) के मंदिर के पुजारी ने भागने से इंकार कर दिया है।
मंदिर को छाेड़ने से किया इंकार
काबुल में रतन नाथ मंदिर के पुजारी पंडित राजेश कुमार ने देश मंदिर को छाेड़ने से इंकार करते हुए कहा कि मेरे पूर्वजों ने सैकड़ों वर्षों तक इस मंदिर की सेवा की। मैं इसे नहीं छोड़ूंगा। अगर तालिबान मुझे मारता है, तो मैं इसे अपनी सेवा मानता हूं। उन्होंने कहा कि कुछ हिंदुओं ने मुझसे काबुल छोड़ने का आग्रह किया और मेरी यात्रा तथा ठहरने की व्यवस्था करने की पेशकश की लेकिन मैं ये मंदिर नहीं छोडूंगा।
पुजारी राजेश कुमार को भारत लाने की उठ रही मांग
विप्र सेना (Vipra Sena) प्रमुख सुनील तिवारी (Sunil Sharma) ने भारत सरकार से मांग करते हुए कहा था कि काबुल में रत्ननाथ मंदिर के पुजारी राजेश कुमार शर्मा को भारत लाया जाए। उन्होंने कहा कि पुजारी के भारत आने के बाद उनके लिए यहां पर एक मंदिर की स्थापना की जाएगी, जिससे उनका जीवन यापन सही से हो। मंदिर निर्माण में जो भी समय लगेगा उस दौरान राजेश शर्मा को समस्त प्रकार की सुविधाएं निशुल्क विप्र सेना के द्वारा दी जाएगी।