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BJP के साथ आते ही अजित पवार हो गये पाक साफ? भ्रष्टाचार के 9 बड़े मामलों में बंद हुई जांच

क्या एनसीपी (NCP) में बगावत कर बीजेपी (BJP) के साथ सरकार बनाने वाले अजित पवार (Ajit Pawar) को 70 हजार करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले में क्लीन चिट मिल गई है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि सोशल मीडिया पर एक दस्तावेज तेजी से वायरल हो रहा है। इसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि अजित पवार(Ajit Pawar) को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने क्लीन चिट दे दी है।

वायरल हो रहे दस्तावेज पर एसीबी (ABC) ने कहा कि अजित पवार को कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है। एसीबी ने कहा, ”एसीबी द्वारा बंद किए गए मामलों में से कोई भी अजीत पवार से संबंधित नहीं है। बंद मामले नियमित मामले हैं। एसीबी द्वारा कोई राजनीतिक मामला बंद नहीं किया गया।”

अधिकारी ने कहा, ”महाराष्ट्र एसीबी ने सिंचाई परियोजनाओं के नौ मामलों की जांच समाप्त की है, कोई भी मामला अजित पवार से संबंधित नहीं है।” एसीबी अधिकारियों ने कहा कि 2013 में हुए सिंचाई घोटाले से जुड़े ऐसे किसी भी मामले को बंद नहीं किया गया है जिनमें कथित तौर पर अजित पवार का नाम है।

वहीं, अजित पवार को क्लीन चीट मिलते ही कांग्रेस को मोदी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा-अजित पवार द्वारा महाराष्ट्र के प्रजातंत्र चीरहरण अध्याय की असलियत उजागर। एक नाजायज सरकार द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो को सब मुक़दमे बंद करने का आदेश। खाएंगे और खिलाएंगे भी। क्योंकि ये ईमानदारी के लिए ‘जीरो टॉलरन्स’ वाली सरकार है। मोदी है तो मुमकिन है।

बता दें कि साल 2009 से लेकर 2014 तक अजित पवार कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रहे थे। इसी दौरान अजित पवार पर सिंचाई घोटाले का आरोप लगा था। इस घोटाले की जांच एसीबी कर रहा है। अब जब अजित पवार ने एनसीपी में बगावत कर बीजेपी के साथ सरकार बना ली तो विरोधी दलों का दावा है कि अजित पवार ने भ्रष्टाचार केस की जांच से बचने के लिए यह कदम उठाया है।

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