भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिक लगातार सफलतापूर्वक दूसरे मून मिशन Chandrayaan-2 को लगातार पृथ्वी की कक्षा से आगे बढ़ा रहे हैं और मिशन शुरू होने के बाद चंद्रयान ने पहली बार पृथ्वी की अदभुत और रोमांचक तस्वीरें भेजी हैं। इन तस्वीरों को देखकर आप भी आश्चर्य चकित रह जाएंगे।
भारत के मून स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान-2 ने अंतरिक्ष से धरती की तस्वीरें भेजी हैं, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी देते हुए चंद्रयान द्वारा भेजी गईं तस्वीरें साझा की हैं। इसरो के मुताबिक चंद्रयान-2 ने यह तस्वीरें LI4 कैमरे से ली हैं।
इसरो के मुताबिक चंद्रयान 2 ने ये तस्वीरें LI4 कैमरे से ली है जिसमें पृथ्वी नीले रंग का दिख रहा है। यूनिवर्सल टाइमिंग के मुताबिक ये तस्वीर 17 बजकर 32 मिनट की है। यूनिवर्सल टाइम (UT) समय मानक है, जो पृथ्वी के घूमने की औसत गति को दर्शाता है। यह घड़ियों से नहीं, बल्कि तारों को देखकर मापा जाता है। बता दें कि भारत समन्वित यूनिवर्सल टाइम से 5 घंटे 30 मिनट आगे है। 22 जुलाई को लॉन्च के बाद इसे पेरिजी (पृथ्वी से कम दूरी) 170 किमी और एपोजी (पृथ्वी से ज्यादा दूरी) 45,475 किमी पर स्थापित किया गया था।
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Earth as viewed by #Chandrayaan2 LI4 Camera on August 3, 2019 17:37 UT pic.twitter.com/8N7c8CROjy— ISRO (@isro) August 4, 2019
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First set of beautiful images of the Earth captured by #Chandrayaan2 #VikramLander
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2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 27 मिनट पर चंद्रयान-2 की कक्षा में सफलतापूर्वक चौथी बार बदलाव किया गया। अब इसकी पेरिजी 277 किमी और एपोजी 89,472 किमी कर दी गई है। अभी 6 अगस्त तक पृथ्वी के चारों तरफ चंद्रयान-2 के ऑर्बिट को बदला जाएगा।
22 जुलाई को लॉन्च के बाद से ही चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने के लिए चंद्रयान-2 की 48 दिन की यात्रा शुरू हो चुकी है। लॉन्चिंग के 16।23 मिनट बाद चंद्रयान-2 पृथ्वी से करीब 170 किमी की ऊंचाई पर जीएसएलवी-एमके3 रॉकेट से अलग होकर पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहा था। इसरो वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 के लॉन्च को लेकर काफी बदलाव किए थे।
29 जुलाई को दोपहर 2:30 से 3:30 के बीच चंद्रयान-2 की पेरिजी 276 किमी और एपोजी 71,792 किमी की गई थी। 25-26 जुलाई की दरम्यानी रात 1:08 बजे चंद्रयान-2 की पेरिजी 251 किमी और एपोजी 54,829 किमी की गई थी। 24 जुलाई की दोपहर 2:52 बजे चंद्रयान-2 की पेरिजी 230 किमी और एपोजी 45,163 किमी की गई थी।
चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान 22 जुलाई से लेकर 6 अगस्त तक पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। इसके बाद 14 अगस्त से 20 अगस्त तक चांद की तरफ जाने वाली लंबी कक्षा में यात्रा करेगा। 20 अगस्त को ही यह चांद की कक्षा में पहुंचेगा। इसके बाद 11 दिन यानी 31 अगस्त तक वह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। फिर 1 सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चांद के दक्षिणी ध्रुव की तरफ यात्रा शुरू करेगा।
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