जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) हिंसा मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया। ओवैसी ने कहा कि मैं इस हिंसा की निंदा करता हूं। कायर नकाबपोशों ने छात्रों पर हमला किया। जिन्होंने नकाबपोशों को अंदर आने की इजाजत दी अब वह ही मामले की जांच करेंगे। पुलिस के सामने योगेंद्र यादव को क्यों मारा गया। सरकार को लोगों की चीख क्यों नहीं सुनाई दी। दलगत राजनीति से उपर उठकर सरकार को मामले का हल करना चाहिए।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यूनिवर्सिटी पर हुआ यह हमला पूर्व नियोजित था। छात्रों, शिक्षकों पर हमला हुआ और दिल्ली पुलिस चुप रही। सुरजेवाला ने कहा कि पूरे देश ने जेएनयू कैंपस में हुए आतंक और गुंडागर्दी को देखा। यह सब जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस की निगरानी में हुआ, जो सीधे गृह मंत्री अमित शाह से नियंत्रित हैं।
जांच पर क्या बोली दिल्ली पुलिस…
JNU हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस के डीसीपी देवेंद्र आर्य का कहना है कि वसंतकुंज थाने में FIR दर्ज की गई है, पब्लिक प्रॉपर्टी, दंगे के मामले में केस दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी तरीके से जांच की जा रह है, सोशल मीडिया पर जो भी वीडियो आ रहे हैं उनकी जांच हो रही है। जल्द ही हमलावरों की पहचान की जाएगी।
क्या है मामला
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में रविवार देर शाम दो छात्र गुटों में झड़प हो गई। इस दौरान चेहरा ढके और हाथों में डंडे लिए युवक और युवतियां लोगों को पीटते और वाहनों को तोड़ते दिखे। इस हमले में कई छात्र और टीचर घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया। ऐसा बताया जा रहा है कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष समेत लगभग 20 छात्रों का एम्स में इलाज चल रहा है। वहीं पुलिस कमिश्नर आनंद मोहन ने मीडिया को बताया कि झड़प के बाद जेएनयू के अंदर पुलिस ने फ्लैग मार्च किया।