बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायवाती ने समाजवादी पार्टी के साथ अपना गठबंधन आधिकारिक रूप से खत्म कर लिया है। मायावती ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इससे पहले रविवार को मायावती के आवास पर लोकसभा सांसदों के साथ बैठक हुई थी। गौरतलब है की बैठक में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। बैठक में भी उन्होंने अखिलेश यादव को निशाने पर लेते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव की सपा के कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मायवाती ने कहा कि लोकसभा परिणाम घोषित होने के बाद अखिलेश ने मुझे फोन तक नहीं किया।
सोमवार को मायावती ने सपा के साथ गठबंधन को खत्म करने का ऐलान करते हुए लगातार तीन ट्वीट किए। अपने पहले ट्वीट में बसपा सुप्रीमो ने कहा “बीएसपी की आल इण्डिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घण्टे तक चली। इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था। फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं वे पूरी तरह से सही नहीं हैं जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था।”
बीएसपी की आल इण्डिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घण्टे तक चली। इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था। फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं वे पूरी तरह से सही नहीं हैं जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था।
— Mayawati (@Mayawati) June 24, 2019
अपने अगले ट्वीट में मायावती ने कहा, “वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया।”
वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया।
— Mayawati (@Mayawati) June 24, 2019
सपा के साथ नाता तोड़ने का ऐलान करते हुए मायावती ने अपने अंतिम ट्वीट में लिखा, “लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी।”
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