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MUSSOORIE: पहाड़ों की रानी!

मसूरी (Mussoorie) दिल को छू जाने वाली जगह है अगर आप गर्मियों की छुट्टियों में घर पर बैठे-बैठे बोर हो रहे हैं और परेशान हैं गर्मी से तो आपको यहां जरूर जाना चाहिए।  यह बहुत ही मनमोहक जगह है मसूरी का इतिहास सन 1825 में कैप्टन  एक सहायक  ब्रिटिश मिलिट्री अधिकारी श्री शोर देहरादून के निवासी  अध्यक्ष द्वारा वर्तमान मसूरी  स्थल की खोज से आरंभ होता है। 

कर्नल एवरेज ने यहां अपना घर बनवाया 1832 और  1901 तक यहां की जनसंख्या 6461 थी जोकि ग्रीष्म ऋतु में 15000 तक पहुंचाती है यहां के लोग बताते हैं किसका नाम मंसूरी इसलिए रखा गया यहां एक पौधा होता है।    मनसूर नाम का यही इसके नाम का कारण बताया जाता है। सन 2011 की भारतीय  जनगणना के अनुसार मसूरी की जनसंख्या 30118 थी जिसमें की 55.19 %पुरुषऔर 44. 81 स्त्रियां थी

मसूरी में घूमने लायक स्थान !

गन हिल

आजादी के पहले के वर्षों में इस पहाड़ी के ऊपर रखी  तोप प्रतिदिन दोपहर मैं चलाई जाती थी ताकि लोग अपनी  घड़ियां सेट कर ले इसके कारण इस स्थान का नाम गन हिल रखा गया और यह मसूरी की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है और यहां आप रोपवे
से भी जा सकते हैं और की रोपवे लंबाई 400 मीटर  है पैदल भी जा सकते हैं पैदल जाने के लिए माल रोड से कचहरी की तरफ से रास्ता है आपको 20 मिनट लगेंगे आपको वहां पहुंचने में।

कैमल बैक रोड

कैमल बैक रोड की कुल लंबाई 3 किलोमीटर  की है यह  रोड कुलेरी बाजार से आरंभ होती है  और लाइब्रेरी बाजार पर जाकर खत्म हो जाती है।

झाड़ीपानी  फाल

यह मसूरी से 7 किलोमीटर की दूरी पर है मसूरी से आप बस या अपनी कार से जा सकते हैं। फिर आपको 1.5 किलोमीटर का ट्रैक करना पड़ेगा और यह बहुत ही सुंदर ट्रैक है आप  झरने तक पहुंच जाएंगे।

कैंपटी  फाल

मसूरी से 15 किलोमीटर दूर यमुनोत्री रोड पर  यह झरना है” और मसूरी का यह सबसे बड़ा झरना है 4500 सीट की ऊंचाई पर यह  झरना स्थित है और बहुत ही सुंदर झरना है और यह चारों और से पहाड़ों से घिरा हुआ है अंग्रेज अफसर अपनी चाय की दावत यहीं पर किया करते थे इसलिए  झरने का नाम केंपटी फॉल पड़ गया और यह  झरना बहुत सुंदर है आप का मन मोह  लेगा।

म्युनिसिपल गार्डन

मसूरी का कंपनी गार्डन को अंग्रेजों के टाइम  मैं  बॉटनिकल गार्डन भी  कहां जाता था कंपनी गार्डन  के निर्माता विश्व विख्यात  भूवैज्ञानिक डॉक्टर एच फॉकनर  लोगी थे सन 1842 के आसपास उन्हें क्षेत्र को सुंदर उद्यान में बदल दिया था बाद में इसकी देखभाल कंपनी प्रशासन करने लगे इसलिए इसका नाम कंपनी गार्डन कहां जाने लगा।

मसूरी झील

M2

यह  झील मसूरी से 6 किलोमीटर की दूरी पर है और यह देहरादून मसूरी मार्ग पर पड़ती है। यह एक आर्टिफिशल झील है जो लोगों के पिकनिक स्पॉट के लिए बनाई गई है और यह  से दून घाटी और आसपास के गांव का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।

मसूरी कैसे जाएं

दिल्ली से मसूरी 274 km दूर है मसूरी के लिए आपको रोडवेज की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। उत्तराखंड रोडवेजऔर यूपी रोडवेज पर यह बसे आपको देहरादून तक ही  ले जा पाएंगे  देहरादून से मसूरी 35 किलोमीटर ही है इसके बाद देहरादून  से आपको मसूरी की बस मिल जाएगी और आप  अपनी कार से भी जा सकते हैं।

mussoorie
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