करीब 14 साल पुराने मंजू देवी हत्याकांड में न्यायालय के ने सोमवार को फैसला सुनाया है। मामले में हसनपुर के पूर्व राजद (RJD) विधायक सुनील कुमार पुष्पम को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपये के जुर्माने का भी आदेश दिया। जुर्माने की राशि नहीं चुकाने पर छह महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी भी पड़ सकती है। बता दें की कोर्ट ने शनिवार को ही पूर्व विधायक को दोषी करार दिया था।
गौरतलब है की अभियोजन पक्ष से आठ साक्षियों का बयान कोर्ट में दर्ज कराया गया। जबकि, बचाव पक्ष से चार साक्षी का बयान दर्ज कराया गया। अभियोजन पक्ष से एपीपी गौरीशंकर मिश्र और बचाव पक्ष से अधिवक्ता परमेश्वर ङ्क्षसह ने अपना-अपना पक्ष रखा।
क्या है मामला?
हसनपुर विधानसभा से RJD विधायक सुनील पुष्पम, 2 अगस्त, 2005, सुबह करीब 8 बजे, अपनी मार्शल गाड़ी पर सवार होकर बिथान इलाके के सिरसिया बांध से होकर गुजर रहे थे। इसी रास्ते से छेछनी गांव की महिला मंजू देवी और कबूतरी देवी भी जा रही थीं। किनारों पर कीचड़ होने की वजह से दोनों महिलाएं बीच रास्ते में चल रही थीं। इससे सुनील पुष्पम के काफिले का रास्ता रुक गया। रास्ता रुकने की वजह से सुनील और उनके आदमियों को गुस्सा आ गया।
चार-पांच लोग गाड़ी से उतरे और बंदूक की बट से मंजू की पिटाई कर दी। उस वक्त मंजू चार महीने की गर्भवती थीं। कबूतरी देवी ने मंजू को इलाज के लिए रोसड़ा अस्पताल भर्ती करवाया। रोसड़ा अस्पताल ने उन्हें समस्तीपुर अस्पताल रेफर कर दिया। रिपोर्ट्स की माने तो उनका गर्भपात हो गया था, जिसकी वजह से उनकी हालत और भी गंभीर हो गई थी। हालत बिगड़ता देख समस्तीपुर अस्पताल ने उन्हें बेगुसराय रेफर कर दिया। इलाज के दौरान 6 अगस्त, 2005 को मंजू देवी की मौत हो गई।
कोर्ट से लगाई गुहार
कोर्ट परिसर में सुनवाई पूरी होते ही सजायाफ्ता पूर्व विधायक की पत्नी माला पुष्पम ने रोते हुए न्यायाधीश से गुहार लगाई। बताया कि पति निर्दोष हैं। राजनीतिक दुश्मनी के चलते झूठा मुकदमा कर फंसाया गया। वहां पुत्र अमन कुमार, पुत्री नेहा कुमारी सहित दर्जनों लोग थे। सजा के बाद समर्थकों में मायूसी छा गई।
Latest Hindi News, एनालिसिस, ब्लॉग के लिए फेसबुक पेज लाइक, ट्विटर हैंडल फॉलो करें और गूगल प्लस पर जुड़ें