निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya Gangrape) और मर्डर केस में चारों दोषियों की कल यानी मंगलवार 3 मार्च की सुबह होने वाली फांसी पर सस्पेंस है। निर्भया केस में दोषी पवन गुप्ता की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) में सुनवाई हुई, जिस पर कोर्ट ने फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है। दोषी पवन गुप्ता के वकील ने अदालत को राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल करने की जानकारी दी। जिसके बाद अदालत ने ए.पी.सिंह को फटकार लगाते हुए कहा कि वो हर चीज़ आख़िरी दौर में क्यों करते हैं।
वहीं तिहाड़ जेल (Tihar Jail) प्रसाशन की तरफ से पटियाला हाउस कोर्ट में एप्लीकेशन दायर कर कोर्ट को बताया गया है कि दोषी पवन गुप्ता ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर दिया है।
इस वजह से रद्द हुआ डेथ वारंट
कोर्ट ने कहा कि पीड़ित पक्ष के साथ खड़े होने के बाद भी, हमारा विचार है कि सजायाफ्ता मजुरिम को मौत के वक्त यह एहसास नहीं होना चाहिए कि देश की अदालतों ने सही ढंग से काम नहीं किया और उन्हें उनके न्यायिक अधिकारों का इस्तेमाल करने नहीं दिया गया। राष्ट्रपति के पास दोषी की दया याचिका लंबित है, इसलिए 2 मार्च 2020 को सुबह 6 बजे दोषियों को होने वाली फांसी अगले आदेश तक रोकी जा रही है। कोर्ट के आदेश की कॉपी दोषियों को अनिवार्य सूचना के तौर पर दे दी गई है।
सभी कानूनी विकल्प हो चुके हैं समाप्त
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के सभी दोषियों के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं। ऐसे में कानूनी तौर पर सभी दोषियों को 3 मार्च को फांसी देने का साफ हो चुका है। बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ तीन मार्च के लिये डेथ वारंट जारी किया है।
क्यूरेटिव पीटिशन याचिका खारिज
दरअसल, वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा का सामना कर रहे चार दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की क्यूरेटिव पीटिशन याचिका को खारिज कर दिया है। सोमवार को बंद कमरे में सुनवाई हुई। इस याचिका की सुनवाई पांच जचों की पीठ ने की, जिसमें जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आर एफ नरीमन, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण शामिल थे।
उधर, निर्भया की मां ने कहा, ‘उन्होंने अदालत का समय बर्बाद किया है और सिस्टम को खत्म करने की कोशिश की है। अब आखिरकार उन्हें कल फांसी दी जाएगी। उधर निर्भया की तरफ से पैरवी कर रहीं वकील ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। जिस तरह से वे कानून में हेरफेर करने की कोशिश कर रहे थे, वह अब समाप्त होता है।
बता दें कि इससे पहले दो बार दोषियों का डेथ वारंट जारी किया जा चुका है। सबसे पहले 22 जनवरी को फांसी की तारीख मुकर्रर हुई थी। दूसरी बार 1 फरवरी को फांसी की तारीख तय की गई थी। हालांकि दोषियों के वकील ने कानूनी दांवपेच लगाकर इसे रद्द करवा दिया गया था।