निर्भया केस (Nirbhaya Case) के चार दोषियों में से एक दोषी विनय शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में क्यूरेटिव पिटीशन (Curative petition) दायर कर दी है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने दो दिन पहले ही निर्भया मामले के सभी दोषियों को डेथ वारंट जारी किया था। डेथ वारंट (Death Warrant) के मुताबिक सभी दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जानी है। हालांकि, जानकारों के मुताबिक, डेथ वारंट जारी होने के बाद भी कई तरह की कानूनी प्रक्रियाएं होती हैं।
निर्भया के दोषी विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने कहा कि हमने 2017 में पवन गुप्ता की ओर से दायर SLP की प्रमाणित प्रति के लिए पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दायर की है।
बता दें कि क्यूरेटिव पिटीशन, पुनर्विचार याचिका से थोड़ी अलग होती है। इस याचिका में फैसले की जगह पूरे केस में उन मुद्दों या विषयों को चिह्नित किया जाता है, जिसमें उन्हें लगता है कि इस पर एक बार फिर ध्यान देने की जरूरत है।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने के बाद पहले ही कायस लगाए जा रहे थे कि निर्भया मामले के दोषी जल्द ही क्यूरेटिव याचिका दायर कर सकते हैं। इन दोषियों को 14 दिन के अंदर ही क्यूरेटिव याचिका दायर करने का अधिकार था। इसी को देखते हुए दोषी विनय कुमार शर्मा ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर कर दी है।
2012 Delhi gangrape and murder case: One of the convicts, Vinay Kumar Sharma has filed a curative petition before the Supreme Court. A Delhi Court had issued a death warrant against all four convicts on January 7 and they are scheduled to be executed on January 22 at 7 am pic.twitter.com/Sb2fGXRDId
— ANI (@ANI) January 9, 2020
क्या है क्यूरेटिव पिटीशन (Curative Petition)
क्यूरेटिव पिटीशन (Curative petition) तब दाखिल की जाती है, जब किसी मुजरिम की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है। ऐसे में क्यूरेटिव पिटीशन उस मुजरिम के पास मौजूद अंतिम मौका होता है, जिसके जरिए वह अपने लिए सुनिश्चित की गई सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है।