सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Anna Hazare) निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya case) और हत्याकांड के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग को लेकर मौन व्रत पर बैठ गए हैं। इसी मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को चिट्ठी भी लिखी है।
अन्ना हजारे ने बताया कि उन्होंने अपने गांव रालेगासिद्धी में 20 दिसंबर से ही मौन व्रत पर हैं। बता दें कि निर्भया कांड के एक दोषी ने फांसी की सजा को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ठुकरा दिया। इसके बाद सभी चारों दोषियों के वकील ने इस मामले में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने की बात कही है। इसके पास सभी दोषियों के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका (Mercy Petition) दाखिल करने का विकल्प भी बचा है।
पत्र का जवाब ने मिलने का भी किया ज़िक्र
अन्ना हजारे ने पीएम मोदी को भेजी गई चिट्ठी में लिखा, ‘मैंने आपको (पीएम मोदी) 9 दिसंबर 2019 को पत्र लिख कर देश में बढ़ रहे महिला अत्याचार और न्याय मिलने में अदालती प्रक्रिया में विलंब की बात बताई थी। दुर्भाग्य से कहना पड़ रहा है कि आज तक उसका कोई जवाब नहीं मिला। इसलिए स्मरण दिलाने हेतु दूसरा पत्र लिख रहा हूं।’
निर्भया कांड को सबसे पहले निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। उसके बाद दोषियों ने हाई कोर्ट में इसे चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय (High Court) से अर्जी खारिज होने के बाद सभी दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया था। वहां से भी इनकी याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद इनमें से एक दोषी अक्षय कुमार ने शीर्ष अदालत में रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी, जिसे ठुकरा दिया गया। अदालती प्रक्रिया में घटना को सात साल बीत चुके हैं।
‘फांसी होने तक मौन व्रत पर रहूंगा’
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने पीएम को लिखी चिट्ठी में स्पष्ट तौर पर कहा है कि निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषियों को सजा होने तक वह मौन व्रत पर ही रहेंगे। उन्होंने इस चिट्ठी की प्रति गृहमंत्री, कानून मंत्री और सभी राजनीतिक दलों को भी भेजा है।
अन्ना हजारे ने अपनी चिट्ठी में 14 अन्य मांगें भी की हैं। इनमें जिनमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखी गई फांसी की सजा पर अविलंब अमल, महिला अत्याचार से जुड़े मामलों में तय समयसीमा के अंतर्गत फैसला, महिलाओं से जुड़े मामलों के लिए अलग कोर्ट, निर्भया फंड का समुचित उपयोग आदि शामिल हैं। अन्ना हजारे ने पत्र के आखिर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कुछ अच्छे फैसले लेने की उम्मीद जताई है।