समाजवादी पार्टी (SP) ने वाराणसी से ‘चौकीदार’ के खिलाफ बीएसएफ (BSF) के पूर्व जवान को मैदान में उतारा है. सपा ने वाराणसी से पूर्वघोषित उम्मीदवार शालिनी यादव (Shalini Yadav) की जगह पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) को टिकट दिया है. हालांकि अब तेज बहादुर यादव की उम्मीदवारी (Tej Bahadur Nomination) पर संकट मंडराने लगा है. बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर के नामांकन को लेकर एक नया मामला सामने आया है.
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दरअसल, उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी तेजबहादुर यादव के नामांकन में गलत जानकारी को लेकर पेंच फंस गया है। इसे लेकर चुनाव आयोग ने उन्हें मंगलवार को नोटिस जारी किया है। बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने पहले निर्दलीय फिर सपा के चुनाव चिन्ह पर नामांकन किया है।
चुनाव आयोग ने तेज बहादुर यादव को भेजा नोटिस
तेज बहादुर को यह जवाब 1 मई को सुबह 11:00 बजे तक जिला कलेक्ट्रेट में देना होगा. इसके बाद उनके नामांकन की वैद्य और अवैध होने की प्रक्रिया होगी. इस बाबत तेज बहादुर यह कह रहे हैं कि हमारे ऊपर सरकार के दबाव में आकर हमारे नामांकन को खारिज कराने की यह चालबाजी की जा रही है. उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि हमारे देश के अंदर हिटलरशाही है. उन्होंने कहा कि उन्होंने मुझे रोकने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है. तेज बहादुर ने कहा कि ये सब मोदी के इशारों पर किया जा रहा है.
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कौन हैं तेज बहादुर यादव?
तेज बहादुर ने सेना को मिलने वाले खाने को सोशल मीडिया के जरिए दिखाया था. इस वीडियो में उन्होंने फोर्स के बड़े अधिकारियों पर गंभीर आरोप भी लगाए थे. इसी वीडियो को लेकर तेज बहादुर सुर्खियों में आ गए थे. इस मामले पर काफी विवाद हुआ था. बाद में पीएमओ ने इस मामले का संज्ञान लिया था. वहीं, बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया था. तेज बहादुर मूल तौर पर हरियाणा में महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं और फिलहाल रेवाड़ी में अपने परिवार के साथ रहते थे.
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