औली (Auli) एक बहुत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो पूरी दुनिया में स्किइंग के लिए प्रसिद्ध है औली समुद्र तल से 2800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।औली का इतिहास आठवीं शताब्दी का माना जाता है गुरु शंकराचार्य इस पवित्र स्थान पर आए थे। इस जगह को बुग्याल भी कहा जाता है जिसका स्थानीय भाषा में अर्थ है घास के मैदान।
यह बहुत ही अच्छी जगह है और ओस मैं ढलानों पर चलते चलते आप नंदा देवी मान पर्वत श्रंखला के अद्भुत नजारे भी देख सकते हैं। औली में प्रकृति ने सौंदर्य को खुलकर भी बिखेरा है। बर्फ से ढकी चोटियां और को देख कर मन प्रसन्न हो जाता है यहां के स्थानीय लोग जोशीमठ से औली तक केबल कार की सुविधा करना चाहते हैं जिसमें औली जाने जाने में सुविधा हो। इसके केबल कार को देवदार के जंगलों के ऊपर से बनाया जाएगा जो कि बहुत ही सुंदर रास्ता होगा।
यहां पर सबसे गहरे ढलान 16420 फुट और सबसे ऊंची चढ़ाई 26020 फुट की है पैदल यात्रा के अलावा यहां पर चेयर लिफ्ट का विकल्प भी उपलब्ध है।
स्किइंग परीक्षण
यहां पर आपको स्किइंग ट्रेनिंग भी दी जाती है गढ़वाल मंडल विकास द्वारा 7 दिन की नॉन सर्टिफिकेट और 14 दिन की सर्टिफिकेट ट्रेनिंग दी जाती है। यह साल में हर वर्ष जनवरी से मार्च तक ट्रेनिंग दी जाती है।
यह पर्यटक के ऊपर निर्भर करता है कि वह कौन से विकल्प चुनना चाहता है स्किइंग सीखते समय आपको सामान और ट्रेनिंग के 500 रुपए जमा कराने पड़ते हैं। इसमें आपको रहने की सुविधा और खाना उपलब्ध है और सामान इत्यादि की सुविधा भी दी जाती है।
शुल्क
स्किइंग के लिए व्यस्कों के लिए रू. 475 और बच्चों से रू. 250 शुल्क लिया जाता है। स्की सीखाने के लिए रू. 125-175, दस्तानों के लिए रू. 175 और चश्मे के लिए रू. 100 शुल्क लिया जाता है। 7 दिन तक स्की सीखने के लिए भारतीय पर्यटकों से रू. 4,710 और विदेशी पर्यटकों से रू. 5,890 शुल्क लिया जाता है। 14 दिन तक स्की सीखने के लिए भारतीय पर्यटकों से रू. 9,440 और विदेशी पर्यटकों से रू. 11,800 शुल्क लिया जाता है।
औली कैसे जाएं।
दिल्ली से औली 382 किलोमीटर की दूरी पर है , दिल्ली से आपको बस सेवाएं उपलब्ध है। लेकिन वह बस ऋषिकेश तक ही ले जाएगी आपको ऋषिकेश से आपको दूसरी बस मिलेगी वह आपको औली तक ले जाएगी। आप अपनी पर्सनल कार से भी जा सकते हैं।
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