गुजरात के Surat में सरथाणा इलाके में 24 मई को Taxshila Complex में हुए अग्निकांड में 20 लोगो ने अपनी जान गवा दी थी, जिसमें जायदातर वहां पढ़ने आये बच्चे थे। दरअसल Taxshila Complex एक तीन मंजिला बिल्डिंग है जिसकी सबसे ऊपरी मंजिल में Aloha Classes नाम से कोचिंग क्लास चलती थी। कोचिंग में आर्किटेक्ट और डिज़ाइनिंग के स्टूडेंट यहां आते थे, जो की यहां नाटा, यानी नेशनल एप्टीट्यूड टेस्ट इन आर्किटेक्चर की तैयारी करने आते थे।
24 मई के दिन भी, इस कोचिंग क्लास में लगभग 40 बच्चे आए थे। बिल्डिंग के पास ही गुजरात इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ट्रांसफार्मर था, जिसमें अचानक से स्पार्क होने के चलते उसमें आग लग गई। थोड़ी ही देर में आग तक्षशिला बिल्डिंग के तीसरे माले तक पहुंच गई, जहां क्लास चल रही थी। सूत्रों की माने तो कोचिंग क्लास ईमारत की छत पर ही टीन का शेड डालकर चलाई जा रही थी। उसी शेड ने आग को पकड़ लिया और अचानक से भभक-भभक कर जलने लगा। अफरा-तफरी के बिच खुद को बचाने के लिए कुछ बच्चे नीचे भागे, तो कुछ खिड़कियों के जरिए नीचे कूद गए। जलने और कूदने से 20 बच्चों की मौत हो गई।
उर्मी वेकरीया, 16 साल की लड़की है। ये भी उन 40 बच्चों में शामिल थी, जो कोचिंग में थे। उर्मी बाल-बाल बच गईं। उन्हें केतन चौडवाडिया नाम के एक लड़के ने बचाया। आपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखा होगा। जिसमें एक लड़का तीसरे माले पर खड़ा हुआ है, और बच्चों की मदद करते हुए दिख रहा है। वो लड़का केतन ही है।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक केतन ने दो लड़कियों की जान बचाई। जिनमें से एक उर्मी है। आग की वजह से उर्मी का कान और हाथ थोड़ा जल गया है। लेकिन वो इस वक्त सुरक्षित है लकिन वहां अभी तक इस पूरे हादसे से उबर नहीं पाई है।
वो बताती है, ‘नीचे आग लगी थी, वहां से धूआं ऊपर आ रहा था। धूआं बढ़ गया, और फिर हमारे कोचिंग में भी आग लग गई। कुछ लोग खुद को बचाने के लिए कूद गए। कुछ जल गए।’
सूरत में इस वक्त हर कोई दमकल विभाग पर गुस्सा कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक फायर ब्रिगेड का कार्यालय तक्षशिला बिल्डिंग से महज 3 किलोमीटर दूर था, लेकिन उन्हें घटनास्थल पहुंचने में 45 मिनट लग गए।
फायर ब्रिगेड के बारे में जब उर्मी से सवाल किया गया, तब उन्होंने बताया, ‘फायर ब्रिगेड वाले पहुंच तो गए थे, लेकिन उनके पास कुछ था ही नहीं कि हमें बचाया जा सके। कुछ कपड़ा, सीढ़ी कुछ भी नहीं था। उनके पास सीढ़ियां नहीं थीं। जो थीं वो केवल एक फ्लोर पर आकर खत्म हो जा रही थीं।’
उर्मी के पिता ने बताया, ‘फायर ब्रिगेड आया था, लेकिन उनके पास कोई सुविधा नहीं थी। नेट नहीं थी, सीढ़ी नहीं थी, रस्सी नहीं थी। तो वो सब बच्चे जो अभी अस्पताल में हैं, या जिनकी मौत हो गई है, वो बच जाते अगर फायर ब्रिगेड के पास सुविधा होती।’
सूरत में इस वक्त मातम पसरा हुआ है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने 24 मई को ही बच्चों के पैरेंट्स से मुलाकात की और चार-चार लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान भी किया। इसके अलावा घटना की जांच के आदेश भी दिए। क्योंकि आग से बचने का कोई इंतजाम कोचिंग क्लास में नहीं था। पुलिस ने अलोहा क्लासेज के संचालक भार्गव बुटानी को गिरफ्तार कर लिया है लकिन बिल्डर अभी भी फरार है।
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