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जानिए क्या है धारा 370, जिसको हटाने की सिफारिश गृहमंत्री अमित शाह ने की है

गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को बड़ा ऐलान करते हुए जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का संकल्प पेश किया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुछेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। शाह ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक सदन में पेश किया। शाह के बयान के बाद राज्यसभा में हंगामा हो गया। आइए जानते हैं कि धारा 370 क्या है? क्यों इसके लेकर विवाद है?

आखिर क्या है धारा 370?

जम्मू-कश्मीर का भारत के साथ कैसा संबंध होगा, इसका मसौदा जम्मू-कश्मीर की सरकार ने ही तैयार किया था। जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 306ए (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार कर लिया। फिर 17 अक्टूबर, 1949 को यह आर्टिकल भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया।

धारा 370 के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता, झंडा भी अलग है। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है। देश के सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते हैं। संसद जम्मू-कश्मीर को लेकर सीमित क्षेत्र में ही कानून बना सकती है।

रक्षा, विदेश, संचार छोड़कर केंद्र के कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होते। केंद्र का कानून लागू करने के लिये जम्मू-कश्मीर विधानसभा से सहमति ज़रूरी। वित्तीय आपातकाल के लिए संविधान की धारा 360 जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं। धारा 356 लागू नहीं, राष्ट्रपति राज्य का संविधान बर्खास्त नहीं कर सकते।

कश्मीर में हिन्दू-सिख अल्पसंख्यकों को 16% आरक्षण नहीं मिलता। जम्मू कश्मीर में 1976 का शहरी भूमि कानून लागू नहीं होता है। धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI और RTE लागू नहीं होता। जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष नहीं, 6 वर्ष होता है।


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