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Pahalgam Terror Attack: पीएम आवास पर अहम बैठक, राजनाथ सिंह-अजीत डोभाल के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद

सुरक्षा पर बड़ा मंथन, लगातार दूसरी बार एक सप्ताह में कैबिनेट सुरक्षा समिति की बैठक आज

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार को अपने दिल्ली स्थित आवास पर एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक पहल्गाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) और जम्मू-कश्मीर की वर्तमान सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, और थल सेनाध्यक्ष जनरल अनिल चौहान भी मौजूद रहे।

यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट सुरक्षा समिति (Cabinet Committe on Security) की एक और अहम बैठक बुधवार को होने जा रही है। यह एक सप्ताह में दूसरी बार होगा जब सरकार की यह सर्वोच्च सुरक्षा निर्णय लेने वाली इकाई बैठक कर रही है।

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक के बाद कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति (CCPA) की बैठक भी होगी, जिसमें सड़क परिवहन, स्वास्थ्य, कृषि और रेलवे मंत्रालय सहित अन्य प्रमुख मंत्रालयों के मंत्री भाग लेंगे।

भारत की प्रतिक्रिया: वीजा रद्द, पानी रोका

भारत ने पहल्गाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए, सिवाय पाकिस्तानी हिंदुओं और दीर्घकालिक वीजा धारकों के। मेडिकल वीजा भी वापस ले लिए गए।

रविवार, 27 अप्रैल तक जारी किए गए सभी वीजा रद्द कर दिए गए, जिससे अटारी-वाघा सीमा पर लंबी कतारें देखने को मिलीं। अब तक करीब 1,000 पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने सभी मुख्यमंत्रियों को इस आदेश का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया।

भारत ने इसके साथ ही 1960 में हुए सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया है, जिससे पाकिस्तान को मिलने वाले 85% जल पर असर पड़ा है। पाकिस्तान ने इसे “युद्ध की कार्यवाही” बताया और जवाब में भारतीय नागरिकों के वीजा भी रद्द कर दिए।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और युद्ध की चेतावनी

पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने एक टीवी इंटरव्यू में आने वाले दिनों को “निर्णायक” बताया है। उन्होंने भारत से युद्ध की आशंका जताई है। भारत में Geo News की प्रसारण पर प्रतिबंध लगाया गया है।

पहल्गाम आतंकवादी हमला: 26 की मौत

22 अप्रैल को हुए पहल्गाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई थी। द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) — जो लश्कर-ए-तैयबा का एक नया रूप है — ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हालांकि हमले को अंजाम देने वाले पांच आतंकी अब भी फरार हैं और सुरक्षा बलों ने उनके खिलाफ बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है।

भारतीय एजेंसियों के पास पाकिस्तान की संलिप्तता के पुख्ता सबूत हैं, जिन्हें अमेरिका, रूस, चीन, जापान और अन्य यूरोपीय देशों के विदेशी राजनयिकों के सामने भी रखा गया है।

प्रधानमंत्री मोदी, जो हमले के वक्त सऊदी अरब दौरे पर थे, तुरंत लौटे और उन्होंने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि आतंक और उसके संरक्षकों को बख्शा नहीं जाएगा।

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